रोहट का दुर्ग जोधपुर से मात्र ३० किलो मीटर जोधपुर पाली मार्ग पर है.यह एक छोटा गाँव है जो तेजी से फैलते जोधपुर की चपेट मैं शीध्र आने वाला है.दुर्ग के प्राचीर से सूर्यास्त का नज़ारा अदभुत है.यह दुर्ग एक हेरिटेज होटल है .विलियम डेरीयम्पल ने यहीं रह कर अपनी पुस्तक "सिटी ऑफ़ जिन्नस "की रचना की थी.मेडोना को भी यह जगह बहुत पसंद है.
बढ़िया जानकारी ! कल हिंदुस्तान अख़बार में रविश कुमार जी द्वारा ब्लॉग चर्चा कॉलम में आपके ब्लॉग का जिक्र पढ़ कर बहुत अच्छा लगा |
जवाब देंहटाएंवाकई बहुत प्यारा है ये दुर्ग... अच्छा लगा..
जवाब देंहटाएंविपिन जी, आपका यह प्रयास बहुत ही सार्थक और रचनात्मक है. इस जोश और जज्बे को बनाए रखें. कल हिंदुस्तान के कालम ब्लागवार्ता में आपका जिक्र है...
जवाब देंहटाएंhttp://blogonprint.blogspot.com/2009/09/blog-post_8821.html
सादर
क्षमा करें, जानकारी कुछ अधूरी सी लगी।
जवाब देंहटाएंअगर फोटो भी होता, तो अच्छा रहता।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।
काव्या जी तीन चित्र दे रखे हैं शायद आपके खुले नहीं.रोहट का दुर्ग १९९० से हेरिटेज होटल बन चुका है.इतिहास की एक झलक जरूर देखने को मिलती है.
जवाब देंहटाएंरतन सिंह जी सा, पृथ्वी सा, खम्मा घणी सा ,आप लोंगा रो घणो घणो आभार