पंचकुटा राजस्थान में प्रचलित एक प्रमुख खाद्य है .वास्तव में यह राजस्थान में पाई जाने वाली पॉँच वनस्पतियों से बनाई गयी एक सब्जी है.यह वनस्पतियाँ निम्न हैं १.कैर २.कुमटिया ३.सांगरी ४.गोंदा ५.साबुत लाल मिर्च राजस्थान की जलवायु के अनुसार यहाँ रेगिस्तान में पाई जाने वाली प्रजातियों से बनाई गई इस सब्जी को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है .बड़ी बड़ी पंच सितारा होटलों में इसे परोसा जाता है. विधि :-उपरोक्त पांचो सब्जियां बाजार में सूखी मिलती हैं ,अगर आप चाहें तो मौसम में जब इसका फल वृक्षों पर लगता है आप किसी भी खेत में से इसे तोड़ कर घर पर सुखा सकते हैं.पहले इसे रात भर पानी में भिगो दिया जाता है और सुबह अच्छे तेल मसाले में छोंक लिया जाता है.यह सब्जी काफी दिन तक ख़राब भी नहीं होती.
इन वनस्पतियों का विवरण निम्नानुसार है
कैर
यह छोटे बेर की आकृति का फल है जो हरा ही पेड़ से तोड़ कर सुखा लिया जाता है.यह कांटेदार छोटी झाडी पर उगता है जिसका नाम केपेरिस डेसिदुआ है.यह जंगलों में बहुतायत से पाया जाता है.
सांगरी
इसका पेड़ काफी बड़ा होता है और इसकी लम्बी फलियाँ होती हैं.इसका नाम प्रोसोपिस सिनरेरिया है जिसे हिंदी में खेजडी कहते हैं. इस पेड़ का रेगिस्तानी इलाके में बहुत महत्व है.इसकी फलियों को तोड़ कर सुखा लिया जाता है जिसे सांगरी कहते हैं.
.कुमटिया
यह अकेसिया सेनेगल नामक पेड़ की फलियों के बीज होते हैं .इसका पेड़ भी जंगलों में बहुतायत से पाया जाता है.
गोंदा
इसका पेड़ काफी बड़ा होता है तथा एक ही पेड़ पर यह प्रचुर मात्र में लगते हैं,इनका आकार छोटी कांच की गोली जितना होता है .इसका आचार बहुत स्वादिष्ट होता है.इसका नाम कोर्डिया मिक्सा है.
लाल मिर्च
हरी मिर्च को तोड़ कर सुखा लिया जाता है तथा चटनी आदि के लिए काम में लिया जाता है.
लेखनी प्रभावित करती है.
जवाब देंहटाएंविपिन जी केर ,कुमटिया , सांगरी तो मारवाड़ के मेवे है ! सांगरी मेरे अपने खेत की खेजड़ी पर भी लगती है लेकिन फिर भी जब भी जोधपुर जाना होता है घंटाघर के पास छीन जी खत्री की दुकान से ये पञ्च कुटा जरुर खरीदकर लाता हूँ ! आखिर राजस्थान की खास डिश जो है !
जवाब देंहटाएंइसी प्रकार हमारी जानकारी भी बढाते रही, धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत मजेदार.. वैसे केर सांगरी की सब्जी भी बनती है.. आचार जैसी कुछ दिन खराब नहीं होती.. अक्सर सफर में ये बना कर ले जाते है...
जवाब देंहटाएंमरुधर म्हारों देश माने चोखो लागे सा...