अहा , ग्राम्य जीवन भी क्या है ...?re simple than village life...

Some true stories about village life

जोधपुर के आसपास ग्राम्य जीवन की झलकियाँ

बुधवार, 7 अक्तूबर 2009

सुरम्य व मनोरम धार्मिक स्थल - बूढा पुष्कर



अजमेर जयपुर  नेशनल हाईवे पर अजमेर से ५-६ किलोमीटर पहले घूघरा घाटी आती है यहीं से सीधे हाथ को एक सड़क पुष्कर जाती है . इस मार्ग पर पहले एक गाँव आता है होकरा और उसके बाद आता है बूढा पुष्कर .यह हिन्दुओं का एक धार्मिक स्थल है.जब ब्रह्मा जी को पृथ्वी पर यज्ञ करने की इच्छा हुई तो उन्होंने एक कमल पुष्प जमीन पर फेंका जो तीन स्थानों पर गिरा जो क्रमश: जयेष्ट ,मध्यम व कनिष्ठ पुष्कर कहलाये.इसमें से कनिष्ठ पुष्कर कालांतर में बूढा पुष्कर कहलाया.किम्वदंती है कि औरंगजेब जब अजमेर में दरगाह कि जियारत कर लौट रहा था उसने पुष्कर के मंदिर नष्ट करने का निश्चय किया.कनिष्ठ पुष्कर पर आकर जब उसने मुंह धोया तो वह एकदम वृद्ध दिखने लगा बाल सफ़ेद हो गए तब उसने पुष्कर पर आक्रमण का विचार त्याग दिया तभी से ये बूढा पुष्कर कहलाया.वसुंधरा राजे ने इस तालाब को गहरा करवाया व घाटों का जीर्णोधार करवाया.चारों तरफ नाग पहाड़ से घिरा यह एक सुरम्य व मनोरम धार्मिक स्थल है.

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