अहा , ग्राम्य जीवन भी क्या है ...?re simple than village life...
Some true stories about village life
जोधपुर के आसपास ग्राम्य जीवन की झलकियाँ
जोधपुर के आसपास ग्राम्य जीवन की झलकियाँ
शुक्रवार, 9 अक्टूबर 2009
मारवाड़ की मशहूर और नायाब जूतियाँ
राजस्थान का मारवाड़ प्रदेश जोधपुर जैसलमेर पाली जालोर सिरोही बाड़मेर जिलों को मिला कर बना है.इस इलाके में ऊँठ बहुतायत से पाए जाते हैं इसलिए ऊँठ के चमड़े से कुटीर उद्योग पनपे और आज जोधपुर कि बनी जूतियों कि एक अलग पहचान है .मुलायम चमड़े पर खूबसूरत कसीदा जूतियों कि शान में चार चाँद लगा देता है.अस्सी रूपये से लेकर दो सौ रूपये तक में आप एक खूबसूरत जोड़ा खरीद सकते हैं.काकेलाव गाँव के चौराहे पर कोने में नीम के पेड़ के नीचे बैठा शंकरजी मोची कई पीढी से यही काम कर रहा है.दाल रोटी मिल जाती है.लेकिन भौतिक वाद के इस युग में दाल रोटी से कौन खुश है.वो चाहता है कि उसके बच्चे पढ़ लिख कर कोई और काम धंधा करें जिसकी समाज में इज्जत हो .
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आपने अच्छी जानकारे दी
जवाब देंहटाएंजोधपुरी जूतियों की तो बात ही निराली है..
जवाब देंहटाएंजोधपुरी जूतियों की तो बात ही निराली है जी ! बहुत पहनी है और दिल्ली लाकर बहुतों को पहनाई भी है |
जवाब देंहटाएंराजस्थान की जूतियों ,कपडों,शिल्प और कसीदाकारी के पूरी दुनिया में चाहने वाले हैं.लेकिन इन कारीगरों को सही दाम इनके काम का नहीं मिलता यही अफ़सोस है..
जवाब देंहटाएंbahut achchi jaankari di aapne
जवाब देंहटाएंmahfooz
www.lekhnee.blogspot.com