अहा , ग्राम्य जीवन भी क्या है ...?re simple than village life...

Some true stories about village life

जोधपुर के आसपास ग्राम्य जीवन की झलकियाँ

गुरुवार, 24 सितंबर 2009

अफीम वाला बाबा



जोधपुर से मात्र १७ किलो मीटर दूर जब आप नागौर रोड पर जा रहे होते हैं तो एक रेलवे फाटक आता है यहीं दाहिने हाथ पर डा.नारायण सिंह मानेकलाव द्वारा स्थापित अफीम नशा मुक्ति केंद्र है.मेरा परिवार जर्मनी से आई एक २१ वर्षीय अतिथि पर्यटक बन्ते को लेकर मानेकलाव पहुंचा.यह महिला प्रचलित पर्यटक स्थलों को देखने में रूचि नहीं रखती थी.मानेकलाव में उस समय २५ अफीम की लत से ग्रस्त अपना इलाज करवा रहे थे.लगभग सभी युवा थे.उन में से कुछ तो अन्य प्रदेशों से आये थे.हमने डाक्टरों व् मरीजों से काफी देर बात की.सभी इलाज से संतुष्ट थे.इलाज लगभग तीन माह चलता है इस दौरान रोगी को वहीँ रहना पड़ता है.बहुत मामूली खर्च में यह इलाज हो जाता है.केंद्र के नियम कानून जरूर कड़े हैं जिसके बिना इलाज संभव भी नहीं हैं. ऊपर वाले चित्र में मैं बन्ते के लिए दुभाषिये का काम कर रहा हूँ .बन्ते ने अनेक प्रश्न रोगियों से पूछे लत कैसे लगी ,पैसे कहाँ से आते थे ,अफीम कहाँ मिलती थी ,परिवार की जानकारी आदि आदि .एक समाज शास्त्री की तरह उसने पूरा विवेचन किया.सच पूंछो तो मुझे भी पहली बार इस व्यसन की इतनी विस्तृत जानकारी मिली.डा.नारायण सिंह पदम श्री व पदमविभूषण से सम्मानित हैं व राज्य सभा के सदस्य भी रह चुके हैं. लोग सम्मान से इन्हें अफीम वाला बाबा कहते हैं.


5 टिप्‍पणियां:

  1. यहाँ दी गयी जानकरी बहुत अच्छी है..ऐसे नशा मुक्ति केंद्र के बारे में jana...nasha mukti aur nashe ke bure prabhaav ke abre mein janjagriti honi chaheeye...
    डॉ.नारायण सिंह बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे हैं.शुभकामनयें.

    [शीर्षक पढ़कर ऐसा लगा tha की किसी अफीम पीने वाले बाबा की बात हो रही होगी..]

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  2. नारायण सिहं जी का काम तो नायाब है.. और केन्द्र बहुत अनुठा..


    वैसे आप की हो बात अफिम पीने वालों से हुई उसके वर्णन का इंतजार है..

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  3. bahut achchha afim wale baba achhh akaam kar rahe hain lage rahiye shubhkanaae!!

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  4. बहुत आच्छा काम कर रहे हैं,अफीम वाले वाबा

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