tag:blogger.com,1999:blog-2535269814540442414.post6316146446602713260..comments2024-01-22T08:28:02.104-08:00Comments on Village Cot Surfing: रशीदा में एक दिन गुजार कर तो देखियेVipin Behari Goyalhttp://www.blogger.com/profile/08342317954084526608noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-2535269814540442414.post-81237032903673651822023-06-29T11:06:25.861-07:002023-06-29T11:06:25.861-07:00बचपन की यादें, गांव की बातें, दिल को सुकून देती है...बचपन की यादें, गांव की बातें, दिल को सुकून देती है। Sundarhttps://www.blogger.com/profile/09797421169980520170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2535269814540442414.post-85195101598260115912017-02-01T08:45:22.247-08:002017-02-01T08:45:22.247-08:00S B Tamare20 अक्तूबर 2009 को 3:22 am
गाँव में मिलन...S B Tamare20 अक्तूबर 2009 को 3:22 am<br />गाँव में मिलने वाली ताज़ी हवा पानी के नाम पर नर्क सा जीवन बसर करना मजबूरी कही जायेगी जब की विकसित देशो के गाँव भी भारत के महा नगरो में प्राप्त सुविधा में बेहतर है / आभाव में सहमती या तो सन्यासी की शोभा है या फिर गृहस्त की विफलता ही गिनी जानी चाहिए / रशीदा गाँव की दुर्भाग्य पूर्ण जो तस्वीर आपने शब्दों में उकेरी है वो ६३ वर्ष के बुढे भारत का विलाप अपने विफ्ल्ताओ को छुपाने का प्रयास भर ही लगता है /Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/15402404464621575436noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2535269814540442414.post-54066783340272910472009-10-20T11:48:54.994-07:002009-10-20T11:48:54.994-07:00माना कि ग्राम्य जीवन का एक अपना ही अलग आनन्द है......माना कि ग्राम्य जीवन का एक अपना ही अलग आनन्द है....लेकिन हम लोग जो कि इतने अधिक सुविधाभोगी हो चुके हैं,क्या ऎसे परिवेश में रहने की कल्पना भी कर सकते हैं?Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2535269814540442414.post-11463146620503903612009-10-20T09:33:10.571-07:002009-10-20T09:33:10.571-07:00Bahut khoob! Ahaa gramya jeevan bhi kya hai :)Bahut khoob! Ahaa gramya jeevan bhi kya hai :)Ashu Mittalnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2535269814540442414.post-59571571021517319412009-10-20T03:05:41.633-07:002009-10-20T03:05:41.633-07:00जीवन कितना सरल है और हमने उसे कितना कठिन बना रखा ...जीवन कितना सरल है और हमने उसे कितना कठिन बना रखा है. सत्यवचन.Meenu Kharehttps://www.blogger.com/profile/12551759946025269086noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2535269814540442414.post-562214157979017102009-10-20T03:01:48.939-07:002009-10-20T03:01:48.939-07:00असली सुख वही है .. लोग नकली सुखों के पीछे दौड रहे ...असली सुख वही है .. लोग नकली सुखों के पीछे दौड रहे हैं .. लेकिन गांव की स्थिति पर थोडा ध्यान तो दिया ही जाना चाहिए .. वहां अनाज की व्यवस्था भी हो जाए .. तो शहरों का रूख क्यूं करेंगे लोग ?संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2535269814540442414.post-26190194393777424652009-10-20T02:49:33.925-07:002009-10-20T02:49:33.925-07:00बिल्कुल सही कहा आपने जीवन कितना सरल है पर कठिन तो ...बिल्कुल सही कहा आपने जीवन कितना सरल है पर कठिन तो हमने बना दिया है ......बिल्कुल सही .......जहाँ सिर्फ और सिर्फ प्रकृति है वहा एक दिन तो अवश्य गुजारनी चाहिये!ओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2535269814540442414.post-6666441093417026302009-10-20T02:29:13.185-07:002009-10-20T02:29:13.185-07:00गाँव क ताज़ी हवा, खूबसूरत सुबह का कुछ और ही मज़ा ह...गाँव क ताज़ी हवा, खूबसूरत सुबह का कुछ और ही मज़ा है ......... फोटो भी खूबसूरत है ...........बहुत खूब लिखा है ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com